स्पीकर रितु खंडूरी ने विधानसभा बैक डोर भर्तीया निरस्त करने का किया ऐलान

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मनोज शर्मा

विधानसभा बैक डोर भर्ती पर स्पीकर रितु खंडूरी ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि भर्तियां निरस्त की जाएंगी। पूर्व अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल के समय की भर्तियां निरस्त होंगी। इसकी जद में 228 कर्मचारी आ रहे हैं इसके अतिरिक्त उपनल के जरिए नियुक्त किए गए 22 कर्मचारी की नियुक्ति भी रद्द कर दी गई है इस तरह इस अवधि में कुल 250 भर्तियों को निरस्त किया गया है। शुक्रवार को विधानसभा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पीकर रितु खंडूड़ी ने कहां की  बैकडोर भर्ती की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति ने गुरुवार देर रात उन्हें अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है। इसी रिपोर्ट की संस्तुति के अनुसार वह 2016 के बाद नियुक्त सभी नियुक्तियों को रद्द कर रही हैं। खंडूरी ने स्वीकार किया कि साल 2016,  2020 और 2021 में हुई नियुक्तियों में अनियमितता बरती गई थी इसके लिए नियमों का भी पालन नहीं किया गया था। जांच कमेटी ने अलग-अलग नियम विरुद्ध भर्तियों को लेकर आए आदेशों के आधार पर की है। इन नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की सिफारिश की है। खंडूड़ी ने बताया इन नियुक्तियों का अनुमोदन शासन स्तर से हुआ है इसलिए नियम के अनुसार इस फैसले को धरातल पर लाने के लिए वह शासन को पत्र लिख रही है शासन का अनुमोदन मिलने के बाद सभी नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएंगी। इसी के साथ उपनल द्वारा दी गई 22 नियुक्तियों को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। इसी तरह अन्य 32 पदों के लिए चल रही भर्तियां भी एजेंसी के विवादित होने के कारण निरस्त की कगार तक पहुंच गई है। इस परीक्षा के आवेदकों की फीस भी लौटाई जा सकती है। रितु खंडूडी  ने बताया कि 32 पद के लिए चल रही भर्ती में दागदार एजेंसी के चयन के मामले में सचिव मुकेश सिंगल की भूमिका संदिग्ध पाई गई है इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस मामले की जांच में यदि सिंगल दोषी पाए गए तो विभागीय कार्यवाही निश्चित की जाएगी। दूसरी तरफ उन्हें नियम विरुद्ध पदोन्नति मामले की जांच भी अलग से चल रही है। फिलहाल सिंगल को अवकाश पर ही रखा गया है। रितु खंडूरी ने कहा था कि यदि कठोर निर्णय भी लेना पड़ा तो संकोच भी नहीं करूंगी। इसी आधार पर कार्य करते हुए कमेटी की संस्तुति के आधार पर नियम विरुद्ध हुई सभी नियुक्तियों को तत्काल निरस्त किया जा रहा है। इसके लिए शासन को पत्र लिख गया है 2016 से हुई पूर्व नियुक्तियों पर भी कानूनी राय ली जा रही है।

जहां एक तरफ विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने नियुक्तियां रद्द की है इस फैसले के आने के बाद जो भी कर्मचारी प्रभावित हुए हैं उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया है, विरोध करने में महिला कर्मचारियों ने मोर्चा संभाला है, महिला कर्मचारियों ने तत्काल विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के कार्यालय के बाहर इकट्ठा होकर विरोध दर्ज करना शुरू कर दिया है कई महिलाएं रो भी रही हैं, उन्होंने 2016,  2020 और 2021 के कर्मचारियों को टारगेट किए जाने का आरोप लगाया है उन्होंने राज्य गठन के समय से नियुक्त सभी कर्मचारी के लिए एक मानक रखने की मांग की है।

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