उत्तराखंड राज्य में एक बार फिर हुई बिजली महंगी, आम आदमी पर पड़ेगा असर

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मनोज शर्मा

महंगाई के दौर में आम आदमी को एक बार फिर से महंगाई का झटका लगा है, इस बार साल में तीसरी बार बिजली के दाम बढ़े हैं, अब विद्युत नियामक आयोग ने 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर के लिए नई दरें घोषित कर दी है।

विद्युत नियामक आयोग हर तीन महीने में फ्यूल चार्ज एडजस्टमेंट के तहत दरें निर्धारित करता है। एक अक्तूबर से 31 दिसंबर के लिए एफसीए की दरें घोषित कर दी गई हैं। घरेलू उपभोक्ताओं से अब दस पैसे, कामर्शियल से 15 पैसे, सरकारी संस्थानों से 14 पैसे, , प्राइवेट ट्यूबवेल से पांच पैसे, कृषि गतिविधियों से छह पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त वसूला जाएगा। एलटी उद्योग से 14 पैसे. एचटी उद्योग से 14 पैसे जाएगा।साल में तीन बार बढ़े बिजली के रेट इस वर्ष तीन बार बिजली के रेट बढ़ गए हैं। पहले एक अप्रैल से 2.68 प्रतिशत की वृद्धि बिजली दरों में हुई। इसके बाद ऊर्जा निगम की पुनर्विचार याचिका में आयोग ने दरों में 3.85 प्रतिशत की और वृद्धि कर दी। अब फिर दरें बढ़ा दी गईं। विद्युत नियामक आयोग के अनुमोदन के बाद एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार ने एफसीए की नई दरों के अनुसार बिल तैयार किए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। एक साल में 26 पैसे से 1.11 रुपये तक का झटका बिजली दरों की बढ़ोतरी के मामले में वर्ष 2022 उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रहा है। इस बार न्यूनतम 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों पर कुल 26 पैसे प्रति यूनिट का भार पड़ा। 200 यूनिट वालों को 51 पैसे, 400 यूनिट वालों को 71 पैसे, कामर्शियल को 1.02 रुपये, एलटी उद्योग को 96 पैसे, एचटी उद्योग को 1.11 रुपये प्रति यूनिट का चुकाना पड़ा। एक आम आदमी की बात करें तो वह बढ़ती हुई महंगाई से पहले ही परेशान है उस पर सरकार ने यह कदम उठा कर जेब ढीली करने का काम किया है,  यह भी सोचने का विषय है कि जब कमर्शियल की भी विद्युत दरें बढ़ेंगी तो उनसे बनने वाले उत्पादक भी महंगे होंगे और फिर वही ढाक के तीन पात, जेब ढीली तो आम आदमी की ही होगी,

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