अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

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Sharda news 24 अशोक गिरी हरिद्वार

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। पीएम नरेंद्र मोद भगवान की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इस मौके पर देश-विदेश से 8000 के करीब नामचीन लोगों को न्योता दिया गया है। राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की 51 इंच की मूर्ति की स्थापना कर प्राण प्रतिष्ठा होगी। रामलला की इसी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूजा होगी।

अब तक रामलला और उनके तीन भाइयों की मूर्तियों की अस्थायी मंदिर में पूजा होती है। तो सवाल ये है कि जब राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा और पूजा होगी, तो उनकी और भाइयों की पुरानी मूर्तियों का क्या होगा?

इस सवाल का जवाब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से दिया गया है। काफी दिनों से लोग जानना चाह रहे थे कि भगवान रामलला और उनके भाइयों की जिन मूर्तियों की अभी पूजा और दर्शन होते हैं, उनका क्या होगा? अब श्रीराम ट्रस्ट ने बताया है कि इन मूर्तियों को भी गर्भगृह में ही स्थापित किया जाएगा। रामलला की जो नई मूर्ति बन रही है, उसे अचल मूर्ति कहा जाएगा और पुरानी प्रतिमाओं को उत्सव मूर्ति कहा जाएगा। जानकारी के मुताबिक विशेष पर्व और त्योहारों पर उत्सव मूर्ति को अयोध्या का नगर भ्रमण कराने की भी योजना है। वैसे भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पुरानी मूर्तियों को अयोध्या का नगर भ्रमण कराने की तैयारी की गई है।

राम मंदिर का पहला तल बनकर तैयार है। दूसरे तल का काम चल रहा है। राम मंदिर तीन तलों का होगा। करीब 33 सीढ़ियां चढ़ने के बाद भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए यहां रैंप और लिफ्ट की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा लोगों की सुविधा के लिए अस्पताल और लॉकर भी यहां बनाए गए हैं। रामलला के दर्शन के लिए भक्तों को पूर्वी द्वार से प्रवेश मिलेगा। वे दर्शन करने के बाद दक्षिण द्वार से निकलेंगे और परकोटे के साथ साथ परिक्रमा करते हुए राम मंदिर परिसर के बाहर चले जाएंगे। बताया जा रहा है कि राम मंदिर में हर घंटे 2 लाख तक भक्त बिना किसी दिक्कत के दर्शन और पूजा कर सकेंगे।

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