मुँबई ” आज जूनियर महमूद भी नही रहे बहुत ही दुखद:
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फिल्म इंडस्ट्रीज की सबसे अहम कड़ी जो हास्य कलाकार के रूप में फिल्म इंडस्ट्रीज का था जिसको देखते ही लोगों के चेहरे खिल जाते थे और फिल्म देखने के लिए मजबूर हो जाते थे
जूनियर महमूद की आखिरी इच्छा ,
जूनियर महमूद ने अभिनेताओं जितेंद्र और सचिन पिलगांवकर से मिलने की इच्छा व्यक्त की थी, जिसके बाद दोनों ने मंगलवार को उनके आवास पर उनसे मुलाकात की थी. जितेंद्र ने ‘सुहाग रात’ और ‘कारवां’ सहित कई फिल्मों में जूनियर महमूद के साथ काम किया था. महमूद ने सात भाषाओं में 260 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया. उन्होंने ‘ब्रह्मचारी’, ‘कटी पतंग’, ‘हरे रामा हरे कृष्णा’, ‘गीत गाता चल’, ‘ईमानदार’, ‘बाप नंबरी बेटा दस नंबरी’, ‘आज का अर्जुन’, ‘गुरुदेव’, ‘छोटे सरकार’ और ‘जुदाई’ जैसी कई अन्य लोकप्रिय फिल्मों में काम किया. जूनियर महमूद ने 1965 में रिलीज हुई फिल्म ‘गुमनाम’ में महमूद के मशहूर गीत ‘हम काले हैं तो क्या हुआ’ पर 1968 में शम्मी कपूर अभिनीत फिल्म ‘ब्रह्मचारी’ में नृत्य करके वाहवाही बटोरी थी. उन्होंने अपने आदर्श महमूद के अंदाज की नकल करते हुए इस गीत पर न केवल नृत्य किया था, बल्कि उन्हीं की तरह धारीदार टी-शर्ट और लुंगी पहन कर अपने चेहरे पर काला रंग भी लगाया था.
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सीरियल्स में भी काम कर चुके हैं जूनियर महमूद
अभिनेता ने ‘प्यार का दर्द है मीठा मीठा प्यारा प्यारा’ और ‘एक रिश्ता साझेदारी का’ जैसे टीवी धारावाहिकों में भी अभिनय किया था. काजी ने कहा कि अभिनेता का अंतिम संस्कार सांताक्रूज कब्रिस्तान में किया जाएगा. उन्होंने कहा, ”उन्हें उसी कब्रिस्तान में दफन किया जाएगा. जहां उनकी मां को दफनाया गया था. दिलीप कुमार साहब और मोहम्मद रफी जैसी अन्य प्रसिद्ध हस्तियों को भी वहीं दफनाया गया.” जूनियर महमूद के परिवार में उनके दो बेटे और पत्नी हैं.