उत्तराखंड में आज चार आईएएस वाला जिला बन गया हरिद्वार बड़ी उपलब्धि

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अशोक गिरी हरिद्वार

आज राज्य गठन के 24 वर्ष बाद  हरिद्वार उत्तराखंड का प्रमुख जनपद बन गया है। विकास की अनेक योजनाएं यहां गतिमान हैं और प्रशासनिक दृष्टि से भी हरिद्वार इस समय एक समृद्ध जनपद बना हुआ है। जबकि राज्य गठन के दौरान हरिद्वार को उत्तराखंड से अलग करने के जबरदस्त आंदोलन हुए थे।

अब से पहले वर्तमान में हरिद्वार में एक या दो आईएएस अधिकारी तैनात रहते थे जो अपने आप में एक उच्च मानक हुआ करता था लेकिन आज चार आई ए एस हरिद्वार में तैनात है

25 लाख की आबादी वाले हरिद्वार जिले में आमतौर पर एक या दो ही आईएएस स्तर के अधिकारी तैनात रहते आए हैं।यह अनुपात यूपी के समय से ही रहता आया है।कुंभ के अवसरों पर जरूर यह अनुपात थोड़ा इधर-उधर हो जाता है। लेकिन सामान्यतः आईएएस अधिकारियों की तैनाती हरिद्वार में कभी दो से अधिक नहीं रहती।इस समय हरिद्वार में एक साथ चार आईएएस तैनात हैं और सभी अनुभवी भी हैं।

हरिद्वार के वर्तमान जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह 2009 बैच के आईएएस हैं हालांकि उन्हें लंबा प्रशासनिक अनुभव है और यह उनकी कार्यशैली में भी झलकता है। दूसरे अंशुल सिंह हरिद्वार विकास प्राधिकरण में वीसी हैं।वह 2018 बैच के आईएएस होने के साथ ही एक्स आईपीएस अधिकारी भी हैं। अंशुल सिंह कुंभ 2021 में हरिद्वार में उप मेलाधिकारी भी रहे हैं। मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार आकांक्षा कौंडे भी 2018 बैच की आईएएस हैं।वह इससे पूर्व अल्मोड़ा की सीडीओ रह चुकी हैं। मुख्य नगरा युक्त हरिद्वार नगरनिगम वरुण चौधरी 2017 बैच के आईएएस हैं और उत्तराखंड में देहरादून सहित विभिन्न जिलों में सेवाएं दे चुके हैं। हरिद्वार में चार आईएएस अफसरों की तैनाती हरिद्वार का उच्च प्रशासनिक गुणवत्ता स्तर है।

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